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मिशन महिमा

झाबुआ जिला एक आदिवासी बहुल और दुर्गम इलाका होने के कारण यहाँ के महिला तथा किशोरियों को सुरक्षित मासिक धर्म वातावरण प्राप्त करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के पांचवे संस्करण (एनएफएचएस-5) के अनुसार कि मासिक धर्म चक्र के दौरान 15-24 वर्ष की आयु की महिला तथा किशोरियों में 50.3 प्रतिशत ही सुरक्षित माहवारी उत्पाद का उपयोग करते हैं । इन परिस्थितियों को सुधारने हेतु जिला प्रशासन द्वारा 28 मई 2022 को विश्व माहवारी स्वच्छता प्रबंधन दिवस पर “मिशन महिमा” की शुरुआत किया गया । इस समारोह में जिला कलेक्टर तथा विभाग प्रमुखों के उपस्थिति में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की 320 महिलाओं, शालाओं में अध्ययनरत किशोरियों और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवकों द्वारा हिस्सा लिया जाकर इस कार्यक्रम का सुभारंभ किया गया । उक्त कार्यक्रम में यूनिसेफ, अनिनहिबिटेड, ट्रीफ, एल.आई.सी. हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन जैसे संस्था के प्रतिनिधियों ने भी अपना सहयोग तथा प्रतिभागित्व प्रदान किया गया |

उद्देश्य: मिशन महिमा कार्यक्रम का उद्देश्य जिले में को माहवारी  स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन सेवा श्रृंखला को सुदृढ़ कर 5.5 लाख आदिवासी महिलाओं और किशोरियों को माहवारी सुलभ वातावरण प्रदान किया जाना है | सेवा श्रृंखला के अंतर्गत क्षमता बर्धन, समुदाय तथा व्यक्तिगत स्तर पर व्यवहार परिवर्तन संचार कर मांग आधारित व्यवस्था का स्थापना, सुरक्षित माहवारी उत्पाद का उपलब्धता एवं पहुंच तथा उपयोग उपरांत उचित निपटान हेतु व्यवस्थाओं को सर्वांगीण दृष्टिकोण विकशित करने का लक्ष्य किया गया है |

रणनीति: ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, आदिवासी जनजातीय कल्याण, आजीविका मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, महिला एवं बाल विकास, नगरीय विकास जैसे विभागों के अंतर्गत परिचालित माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता संबंधी कार्यक्रम तथा प्राबधानों को एक सर्वांगीण लक्ष्य की और अभिसरण प्रयासों के माध्यम से संरेखण किया जाना |

जिला प्रशासन द्वारा सभी विभागों (राजस्व, पुलिस, नगरीय तथा ग्रामीण विकाश आदि) के साथ जिला स्तरीय योजना निर्माण कार्यशाला का आयोजन कर एक योजना निर्माण किया गया है | मध्य प्रदेश माहवारो स्वच्छता प्रबंधन रोडमैप 2019 के अनुसार माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन के सुरक्षित अभ्यास संबंधी संदेशों को समुदाय तक पहुंचाए जाने हेतु सात विभागों के 8000 जमीनी कार्यकर्ताओं का ब्लॉक तथा संकुल स्तरीय प्रशिक्षण किये जाने हेतु मास्टर ट्रेनर दल का गठन किया गया है | संस्थागत स्तर पर जल एवं स्वच्छता व्यवस्थाओं को उपलब्धत करवाने हेतु लक्ष किया गया है | जिसके अंतर्गत सभी शासकीय कार्यालयों में न्यूनतम एक माहवारी सुलभ व्यवस्था सहित शौचालय (पीरियड फ्रेंडली टॉयलेट), आदिवासी छात्रावासों, शालाओं में तथा स्वास्थ्य केंद्रों पर माहवारी सुलभ व्यवस्थों का उपलब्धता चरणवद्ध तरीके से किया जा रहा है | उपयोग उपरान्त माहवारी उत्पादों के सुरक्षित निपटान हेतु स्वच्छ भारत मिशन सहरी तथा ग्रामीण तथा 15वे वित्त आयोग राशि प्रावधान अंतर्गत जरूरी जगहों ( बड़े शाला, आदिवासी छात्रावास, सामुदायिक स्वच्छता परिसर, कचरा संग्रहण केंद्र आदि) पर इंसीनेरेटर तथा कचरा संग्रहण वाहन के साथ पिले रंग के डिब्बे के माध्यम से जैव अपशिष्ट को संग्रहण किये जाने के प्राबधान को सुनिश्चित किया जा रहा है | 

कार्यक्रम के सहयोगी :

शासकीय विभाग – ग्रामीण विकास, आजीविका मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, महिला एवं बाल विकास विभाग, नगरीय विकास, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन – राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, शिक्षा, जनजातीय कल्याण विभाग

गैर शासकीय संस्था – यूनिसेफ मध्य प्रदेश एवं अनइन्हिबिटेड संस्था द्वारा जिला प्रशासन को मिशन महिमा कार्यक्रम के क्रियान्वयन में तकनिकी सहयोग प्रदान किया जा रहा है

कार्यक्रम अंतर्गत प्रगति:  

  1. विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 28 मई को जिला स्तरीय कार्यक्रम के माध्यम से मिशन महिमा का सफल शुभारंभ |
  2. जिला स्तर पर कलेक्टर सभा गृह में सभी विभाग प्रमुखों तथा ब्लॉक स्तरीय अधिकारी तथा कार्यकर्ताओं (लगभग 100 व्यक्ति) को कार्यक्रम तथा माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन विषय ओर उन्मुखीकरण किया गया है |
  3. साथ ही जिला स्तर पर योजना निर्माण कार्यशाला का आयोजन कर जिला माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन योजना का निर्माण किया गया है |
  4. राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत संलग्न मेंटर तथा आजीविका मिशन अंतर्गत संलग्न चयनित समता सखीयों को दो दिवशीय पृथक पृथक प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर के तौर पर 72 व्यक्तियों का श्रोत दल का गठन | साथ ही सभी विभागों से दो व्यक्तियों का चयन कर मस्ती ट्रेनर के तौर पर प्रशिक्षण किया जाना है |
  5. मास्टर प्रशिक्षकों के माध्यम से 7 प्रमुख विभागों के 8000 जमीनी कार्यकर्ताओं/फ्रंट लाइन वर्कर्स (FLW) को माहवारी स्वस्थ और स्वछता बिषय पर चरण-वार प्रशिक्षित किया जा रहा है । अब तक लगभग 250 ऐसे कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण किया जा चूका है |

जमीनी कार्यकर्ताओं में राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के 1013 आशा तथा 2026 किशोर एवं किशोरी साथिया, 1000 सीएलएफ सदस्यों और आजीविका मिशन से सीआरपी, 1000 शिक्षकों,  350 स्वच्छाग्रही और 1880 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि शामिल हैं |

  1. किशोर एवं किशोरी साथिया के माध्यम से साथिया ब्रिगेड के लगभग 45000 युवाओं को इस मुहीम से जोड़ा जा रहा है | साथ ही आजीविका मिशन अंतर्गत सी.एल.ऍफ़. तथा सी.आर.पि. के माध्यम से 10000 से ज्यादा स्व-सहायता समूह के 150000 सदस्यों तक माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन विषय संबंधी संदेशों को पहंचाया जा रहा है |
  2. सुरक्षित माहवारी स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रबंधन से संबंधित विषयों पर जन-जागरूकता पैदा किये जाने हेतु ग्राम स्तरीय मिशन महिमा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है | अब तक दो ब्लॉक (झाबुआ एवं पेटलावद) के 40 गांवों में मिशन महिमा उत्सव का आयोजन किया जाकर लगभग 2000 महिलाओं और किशोरियों द्वारा चर्चा, खेल, रंगोली, मेहंदी प्रतियोगिता, जैसी विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया जाकर इन ग्रामों में इन विषयों पर सकारात्मक वातावरण बनाये जाने हेतु प्रयास किया गया है ।
  3. सुरक्षित माहवारी स्वच्छता उतपाद के उपलब्धता को सुनिश्चित किये जाने हेतु आजीविका मिशन के सहयोग से खवासा में स्व-सहयता समूह के महिलाओं द्वारा सेनेटरी पैड निर्माण इकाई संचालन किया जा रहा है | इन उत्पादन केंद्रों से महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों पर स्थापित उदिता कार्नर को सेनेटरी पैड उपलब्ध किया जाकर ग्रामीण किशोरी तथा महिलाओं तक सुरक्षित माहवारी उत्पाद का उपलब्ध सुनिश्चित किये जाने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं | साथी ही आगामी समय में दो अन्य ऐसे उत्पाद केंद्र निर्माण किये जाने हेतु योजना प्रस्तुत किया गया है |
  4. जिला कलक्टर के नेतृत्व में शासकीय विभाग, गैर शासकीय संस्था तथा औद्योगिक संस्थाओं को एक मंच में जोड़ा जाकर इस कार्यक्रम में सम्मिलित सहयोग हेतु प्रयास किये जा रहे हैं | जिसके परिणाम स्वरुप एल.आई.सी. हाउसिंग फाइनेंस तथा अन्य सी.एस.आर. के माध्यम से वेंडिंग मशीन तथा शालाओं में माहवारी सुलभ शौचालय के निर्माण किये जाने हेतु सहयोग प्राप्त किया गया है ।
  5. माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन तथा मिशन महिमा कार्यक्रम के विषय में समुदाय तथा संस्थागत स्तर पर जागरूकता पैदा किये जाने के लक्ष्य से आई.ई.सी. पोस्टर्स, बुकलेट (8 पेज), फ्लिपबुक (30 पेज), सफलता की कहानियां, गतिविधि रिपोर्ट विकसित गया है | (लिंक में संदर्भित डॉक्यूमेंट)